जीवन इक इमारतमानो जीवन एक इमारत, बाह्य आवरण यह है उसका, जो कि सकल संसार देखता,Oct 13, 2024Oct 13, 2024
मैं कौन हूं?मैं पल पल बदलती हुई दुनिया में स्थिर होने का एक बहाना हूं, मतलबी दुनिया में मैं प्यार का एक आशियाना हूं, इस विकास की होड़ में मैं सुकून का…Dec 31, 2023Dec 31, 2023
अंधियारी रातबचपन में जब छोटे थे, जिन रातों से डर लगता था, जिन अंधियारों से मन भगता था, जब उंजियारा प्यारा लगता था, और दिन सुहाना लगता था।।Feb 21, 2023Feb 21, 2023
नववर्षये नया साल जो आया है साथ में नया क्या लाया है? क्या बदल गई वो पुरानी तपन कौन सा हो गया है हर्ष नूतन...!!Jan 1, 2023Jan 1, 2023